A Simple Key For Shodashi Unveiled
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Celebrations like Lalita Jayanti underscore her significance, where by rituals and choices are created in her honor. These observances really are a testomony to her enduring allure as well as the profound effects she has on her devotees' lives.
ह्रीं श्रीं क्लीं परापरे त्रिपुरे सर्वमीप्सितं साधय स्वाहा॥
काञ्चीवासमनोरम्यां काञ्चीदामविभूषिताम् ।
One of the most revered amid these could be the 'Shodashi Mantra', which is explained to grant each worldly pleasures and spiritual liberation.
This mantra is really an invocation to Tripura Sundari, the deity becoming tackled In this particular mantra. This is a ask for for her to fulfill all auspicious desires and bestow blessings upon the practitioner.
ऐसा अधिकतर पाया गया है, ज्ञान और लक्ष्मी का मेल नहीं होता है। व्यक्ति ज्ञान प्राप्त कर लेता है, तो वह लक्ष्मी की पूर्ण कृपा प्राप्त नहीं कर सकता है और जहां लक्ष्मी का विशेष आवागमन रहता है, वहां व्यक्ति पूर्ण ज्ञान से वंचित रहता है। लेकिन त्रिपुर सुन्दरी की साधना जोकि श्री विद्या की भी साधना कही जाती है, इसके बारे में लिखा गया है कि जो व्यक्ति पूर्ण एकाग्रचित्त होकर यह साधना सम्पन्न कर लेता है उसे शारीरिक रोग, मानसिक रोग और कहीं पर भी भय नहीं प्राप्त होता है। वह दरिद्रता के अथवा मृत्यु के वश में नहीं जाता है। वह व्यक्ति जीवन में पूर्ण रूप से धन, यश, आयु, भोग और मोक्ष को प्राप्त करता है।
यह शक्ति वास्तव में त्रिशक्ति स्वरूपा है। षोडशी त्रिपुर सुन्दरी साधना कितनी महान साधना है। इसके बारे में ‘वामकेश्वर तंत्र’ में लिखा है जो व्यक्ति यह साधना जिस मनोभाव से करता है, उसका वह मनोभाव पूर्ण होता है। काम की इच्छा रखने वाला व्यक्ति पूर्ण शक्ति प्राप्त करता है, धन की इच्छा रखने वाला पूर्ण धन प्राप्त करता है, विद्या की इच्छा रखने वाला विद्या प्राप्त करता है, यश की इच्छा रखने वाला यश प्राप्त करता है, पुत्र की इच्छा रखने वाला पुत्र प्राप्त करता है, कन्या श्रेष्ठ पति को प्राप्त करती है, इसकी साधना से मूर्ख भी ज्ञान प्राप्त करता है, हीन भी गति प्राप्त करता है।
ह्रींश्रीर्मैंमन्त्ररूपा हरिहरविनुताऽगस्त्यपत्नीप्रदिष्टा
या देवी हंसरूपा भवभयहरणं साधकानां विधत्ते
श्वेतपद्मासनारूढां शुद्धस्फटिकसन्निभाम् ।
Goddess Lalita is worshipped as a result of different rituals and practices, which include browsing her temples, attending darshans and jagratas, and carrying out Sadhana for equally worldly pleasures and liberation. Just about every Mahavidya, such as Lalita, has a specific Yantra and Mantra for worship.
Shodashi’s impact promotes intuition, aiding devotees obtain their internal knowledge and create belief within their instincts. Chanting her mantra strengthens intuitive skills, guiding people today towards conclusions aligned with their maximum excellent.
Lalita Jayanti, a major check here festival in her honor, is celebrated on Magha Purnima with rituals and communal worship activities like darshans and jagratas.
यहां पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी हृदय स्तोत्र संस्कृत में – tripura sundari hriday stotram